हैदराबाद। भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरूण गांधी ने कहा कि प्रभावशाली पिता या फिर किसी गाॅडफादर के बिना राजनीति में स्थान पाना बेहद मुश्किल है। उनका कहना था कि, मैं गांधी उपनाम के कारण कम उम्र में ही दो बार लोकसभा सदस्य बन सका। दरअसल वे एक सेमिनार में उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे। वे सुल्तानपुर के सांसद हैं। उन्होंने सेमिनार में कहा कि गैर राजनीतिक परिवारों के लोगों को प्रतिभा के आधार पर राजनीति में आना चाहिए उन्हें जाति, धर्म के मसलों पर राजनीति में नहीं आना चाहिए।
उनका कहना था कि, चुनाव जीतना कठिन नहीं है, लोगों को राइट टू रिकाॅल मिलना चाहिए। इस विधेयक को निजी विधेयक के तौर पर संसद में पेश करूंगा। जिससे यह तय किया जा सके कि लोग अपने प्रतिनिधियों से संतुष्ट हैं या नहीं, यदि लोग संतुष्ट नहीं हैं तो फिर, उन जनप्रतिनिधियों को हटाया जा सके।
यह तय किया जाना चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि याचिका व्यवस्था के माध्यम से इसे किया जा सकता है। जानकारी सामने आई है कि, मतदाता सरकार को सामूहिक याचिका सौंपकर और फिर एक लाख से अधिक हस्ताक्षर मिलने पर संसद में निर्वाचित प्रतिनिध की जवाबदेही पर चर्चा प्रारंभ की जा सकती है। उनका कहना था कि जिन लोगों में टैलेंट है उन्हें चुनाव लड़ने का अवसर मिलना चाहिए।