नईदिल्ली। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने इस बात से सहमति जताई कि, श्री रामजन्मभूमि मंदिर एवं बाबरी मस्जिद के विवादित मामले की सुनवाई वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के आयोजन के बाद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इस तरह की मांग न्यायालय के सामने रखी थी। यह बात हमसे पूछकर ही की गई थी। इस मामले में रहमानी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि, अयोध्या मामले की सुनवाई यदि अभी होती है तो फिर इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सकता है। कई दल इसका लाभ ले सकते हैं। उनका कहना था कि, जब न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई बुधवार को की तो, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिब्बल की अपील पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा था कि, कांग्रेस और राहुल गांधी को इस मामले में अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। ऐसे में यदि नियमित सुनवाई होती है तो फिर इस, विवाद पर किस तरह का असर हो सकता है। यह जाहिर है। गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, अयोध्या के मामले की जल्द से जल्द सुनवाई कर उसके हल की मांग करने में लगा है। हालांकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, जुफर फारूकी ने कहा कि, मामले की सुनवाई जल्द से जल्द होना चाहिए। कांग्रेस का कहना था कि, भाजपा इस मसले को बढ़ा - चढ़ाकर प्रस्तुत कर रही है और ऐसे में वह चाहती है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान सामने आने वाले असल मसलों से लोगों का ध्यान हटाया जा सके। राममंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला बाबर के रिश्तेदार हैं राहुल - नरसिम्हाराव राम मंदिर पर सुनवाई