काठमांडू। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा नेपाल के काठमांडू में गुरूवार से प्रारंभ हो रहे 15 वें बिम्सटेक अर्थात द बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी. सेक्टरल टेक्निल एंड इकोनोमिक कोऑपरेशन के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में चीन और भारत का मसला रखा सकता है। दरअसल वे भूटान के विदेश मंत्री दामचो दोरजी से भेंट करेंगी। चीन व भारत के बीच डोकलाम में हुए सीमा विवाद में भूटान के क्षेत्र में भी चीन घुसपैठ कर रहा है और भारत को धमका रहा है कि वह भूटान को बीच में न लाए। गौरतलब है कि डोकलाम में भारत व चीन के बीच बीते लगभग 1 माह से तनाव का माहौल है। ऐसे में चीन भड़काऊ बयान देने में लगा है और वह युद्ध की धमकी तक दे रहा है। मिली जानकारी के अनुसार भूटान ने 19 जून को इस मामले में बयान जारी किया और डोकलाम में चीन के निर्माण पर आपत्ति ली थी। भूटान ने एक प्रेस रिलीज जारी कर 1988 में भूटान और चीन के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते का जिक्र किया थाए जिसमें सीमा क्षेत्रों को लेकर विवाद सुलझने तक यथास्थिति बनाए रखने की बात कही थी।यदि सुषमा स्वराज भूटान के समकक्ष मंत्री से मिलती हैं तो यह भारत और भूटान के विदेशमंत्रियों की वर्षों बाद होने वाली भेंट होगी। इस सम्मेलन में भारत नेपाल के प्रधानमंत्री और भारत की विदेश मंत्री की भेंट शाम करीब 4 बजे होगी। शाम 6 बजे समारोह का औपचारिक शुभारंभ होगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, सीमा विवाद का हल युद्ध नहीं, बातचीत सुषमा स्वराज ने कहा मित्र वह जो संकट में मदद करे, युद्ध नहीं किसी समस्या का समाधान सुषमा स्वराज ने कहा,विश्व के लिए चुनौती बना सीमा पार आतंकवाद