नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने एक 14 साल की नाबालिग लड़की के साथ रिश्ता रखकर शारीरिक संबंध बनाने वाले एक 26 वर्षीय युवक को, नाबालिग से बलात्कार के मामले के तहत 10 साल की सज़ा सुनाई. कोर्ट ने युवक के उस तर्क को भी खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि संबंध रजामंदी से बने हैं. कोर्ट ने मीडिया तथा इंटरनेट को युवाओं में सेक्स को प्यार के चरम के तौर पर पेश करने का जिम्मेदार बताते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सीमा मैनी ने दिल्ली के रहने वाले नीरज पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से 20,000 रुपये लड़की को बतौर मुआवजा मिलेंगे. न्यायाधीश ने कहा कि “मीडिया, टेलीफोन, इंटरनेट आदि के प्रसार से आज के समय में यह अवधारणा सभी में रच बस गई है कि एक लड़का और लड़की के बीच प्यार का चरम सेक्स ही है. लड़के-लड़कियां अक्सर कानून के तहत निर्धारित वैध उम्र से पहले ही यौन संबंध बना रहे हैं. वे एक दूसरे से शादी का वादा करते हैं, जबकि दोनों के बीच शादी की संभावना तक नहीं होती.” न्यायाधीश ने कहा, “आरोपी को दुनियादारी की समझ थी, उसकी उम्र 26 साल है, उसकी शादी हो चुकी है और एक बेटी भी है. तब भी वह उस लड़की को लुभा रहा था, जो उससे 10 साल से भी ज्यादा छोटी है.” पीड़िता की मां का आरोप था कि दोषी ने लड़की के साथ कई बार बलपूर्वक शारीरिक संबंध बनाए. यात्रियों ने की एयर इंडिया के खिलाफ सबसे ज़्यादा शिकायतें भीम की बहदुरी को मिलेगा सम्मान त्यौहारों पर ट्रेन टिकिट हो सकता है महंगा