म्यांमार: म्यांमार में रोहिंग्या विद्रोहियों और सेना के बिच जारी टकराव में लगातार स्थिति बेकाबू होती जा रही है. जिसमे पुलिस नाकों और सैन्य अड्डे पर 24 अगस्त को हमले के बाद सेना ने रोहिंग्या विद्रोहियों और उनके अड्डों को खत्म करने के लिए अभियान छेड़ दिया है. म्‍यांमार सेना और रोहिंग्या विद्रोहियों में हुए इस टकराव में 400 से ज्यादा लोगो की मौत हो गयी है. ऐसे में नोबल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफ़जई इस मामले में आ गए आयी है. और इस हिंसा को बंद करने की अपील की है. साथ ही मलाला युसुफ़जई ने देश की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची से इस मुद्दे पर दख़ल देने की अपील की है. नोबल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफ़जई ने ट्विटर पर अपना एक बयान जारी करके हिंसा की निंदा की और कहा है कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जो हो रहा है उससे मैं दुखी हूं. बीते कई सालों में मैंने इस दुखद और शर्मनाक व्यवहार की निंदा की है. मैं इंतज़ार कर रही हूं कि नोबल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची भी इसका विरोध करें. पूरी दुनिया और रोहिंग्या मुसलमान इसका इंतज़ार कर रहे हैं. इसके साथ ही मलाला ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कुछ सवाल भी किये है. बता दे कि म्यांमार के रखिन राज्य में रोहिंग्या विद्रोहियों ने सुरक्षाबलों पर सुनियोजित हमले किए जिसके बाद से सुरक्षाबल और विद्रोहियों के बीच लगातार लड़ाई जारी है. जिसमे जमकर हिंसा हो रही है. ऐसे में रोहिंग्या मुस्लिम पलायन को मजबूर हो गए हैं, जिसके चलते बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा पर हजारो लोग फंसे हुए है. इससे पहले इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (IOM) ने बताया था कि म्यांमार के उत्तरपश्चिमी क्षेत्र में बीते 5 सालों में सबसे बुरी हिंसा छिड़ी है, जिससे बचने के लिए हजारों रोहिंग्या मुसलमान यहाँ से भाग रहे है. पढ़िए देश-विदेश से जुड़ी छोटी-बड़ी ताज़ा खबरे न्यूज़ ट्रैक पर सीधे अपने मोबाइल पर म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के ही साथ पलायन कर रहे हैं हिंदू म्‍यांमार सेना और रोहिंग्या विद्रोहियों में हिंसा के कारण 400 की मौत 18 हजार रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार से भागकर पहुंचे बांग्लादेश अब बच्चों को आगे कर लड़ रहे रोहिंग्या विद्रोही म्यांमार से जान बचाकर बांग्लादेश भाग रहे रोहिंग्या मुसलमान