इंदौर। बुधवार, भगवान श्री गणेश जी का दिन होता है, संयोग से इस दिन, माघ मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी का अवसर आया है। इसे तिलकुंद चतुर्थी भी कहा जाता है। इस चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश जी को तिल के व्यंजन बनाकर, उसका भोग लगाने का विधान है। इस दिन श्रद्धालु भगवान को तिल और गुड़ समर्पित करते हैं। ऐसे में भगवान श्री गणेश की आराधना के लिए, यह अवसर प्रमुख है। भगवान श्री गणेश ने देवताओं की परेशानी को दूर कर दिया। भगवान शिव इस मौके पर, बेहद प्रसन्न हुए। उन्होंने, भगवान श्री गणेश को वरदान दिया कि, वे भगवान श्री गणेश का संकट मोचन के तौर पर, पूजन करेंगे। जानकारी सामने आई है कि, संकट चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश का पूजन कर चंद्र को अर्ध्य दिया जाएगा। उसके दैहिक, दैविक और भौतिक विकार दूर हो जाऐंगे। आज का दिन, बेहद पुण्यदायी माना जा रहा है। श्रद्धालु इस दिन भगवान श्री गणेश के मंदिरों में दर्शन कर, पूजन कर चतुर्थी का व्रत करेंगे। श्रद्धालुओं द्वारा, भगवान श्री गणेश के दर्शन करने को बेहद, शुभफलदायी माना जाता है। माना जाता है कि, इस दिन भगवान श्री गणेश को दुर्वा अर्थात् दूब चढ़ाने पर पुण्य लाभ मिलता है। सुबह के समय, जहां श्रद्धालु भगवान श्री गणेश का पूजन करते हैं और फिर दिनभर व्रत करते हैं वहीं शाम के समय चंद्र के दर्शन कर अपना व्रत पूर्ण करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्री गणेश जी विद्या,बुद्धि प्रदान करते हैं। भगवान को तिल - गुड़ के लड्डु के साथ शकरकंद भी चढ़ाई जाती है। श्रद्धालु जब भगवान श्री गणेश का पूजन चतुर्थी पर करते हैं तो फिर उनकी मनोकामना पूर्ण होती है। माघ मेले में नहीं ठहरेंगे शंकराचार्य कटासराज मंदिर के सरोवर को भरने के आदेश तेज़ धार चायना डोर पर लगा प्रतिबंध