देश के सबसे बड़े घोटाले में आए निर्णय ने जहां सबको हिलाकर रख दिया है वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने साल 2012 में 122 टेलीकॉम कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए थे. इस डबल बेंच में जस्टिस जीएस सिंघवी भी थे. जिन्‍होंने 122 टेलीकॉम कंंपनियों के लाइसेंस रद्द किए थे. रिटायर जस्टिस सिंघवी ने एक निजी चैनल को दिए बयान कहा कि सीबीआई कोर्ट में 2जी का जो मामला आया वो सुप्रीम कोर्ट के मामले से बिल्‍कुल अलग था. आपको बता दें कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला था जिसमें 122 टेलीकॉम कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए थे.उस निर्णय को देने में एक जज सिंघवी भी थे जिन्होंने कल आए निर्णय के बाद इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी.उन्होंने इस को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने जो मामला आया वो स्‍पेक्‍ट्रम की नीलामी और प्राकृतिक संसाधनों के वितरण के मौलिक सिद्धांत से जुड़ा था. उन्‍होंने कहा कि हमने कहा था इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती थी. साथ ही उन्‍होंने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन में कोई साजिश थी और कोई भ्रष्टाचार था यह मामला हमारे सामने नहीं आया था. इस पर सीबीआई अदालत ने फैसला लेना था. जस्टिस सिंघवी ने कहा कि नीलामी के बाद सरकार ने पहली बार कहा था कि 65000 करोड़ रुपये आए थे. अब ये कहा जा रहा है कि राजस्‍व का कोई नुकसान नहीं हुआ था. किसने किया ये? ये लोगों को तय करना है. 2जी घोटाले के फैसले की सोशल मीडिया में उड़ी खिल्ली रि-एडमिशन फीस के नाम पर हो रही वसूली कब्ज दूर करने के लिए बच्ची पर किया काला जादू