इंजीनियरिंग पर लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है इससे मायूस हो कर छात्र अब इंजीनियरिंग पढ़ाई छोड़ रहे हैं. बल्कि इतना ही नहीं, इंजीनियरिंग के छात्र नहीं मिलने से दर्जनों कॉलेजों पर ताले लगने की नौबत आ गई है वहीँ प्रीमियम संस्थान आईआईटी के प्लेसमेंट में भी गिरावट आई है. बता दें कि कभी छात्रों की पहली पसंद रही इंजीनियरिंग की डिग्री से हो रहा है छात्रों का मोहभंग.
आपको बता दें कि तकनीकी शिक्षा में लगातार आ रही गिरावट के चलते 22 हजार से अधिक छात्रों ने इंजीनियरिंग पढ़ाई छोड़ दी है. छात्र न मिलने के कारण कई कॉलेजों पर ताला लग चुका है वहीँ देशभर में सबसे अधिक हरियाणा में कॉलेज बंद हुए और इस मामले में यूपी चौथे नंबर पर है.
बता दें कि सरकार आईआईटी में छात्रों को अच्छा इंजीनियर बनाने पर लाखों खर्च करती है, लेकिन पिछले साल की तुलना में आईआईटी के प्लेसमेंट में करीब पांच फीसदी तक गिरावट आई है. यह आंकड़ा दिग्गज आईआईटी का है, जो वर्षों से पढ़ाई, शोध पर काम कर हैं. इनमें से कुछ तो दुनिया के सौ सर्वश्रेष्ठ आईआईटी में शुमार हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक़ वर्ष 2014-15 में 12553 छात्रों ने प्लेसमेंट में भाग लिया, जिनमें महज 9141 छात्र ही चुने गए. यानी प्लेसमेंट प्रतिशत 72.82 फीसदी रहा. वहीं, वर्ष 2015-16 में 75.79 फीसदी छात्र चुने गए. जबकि 2016-17 में 12525 छात्रों में से 8874 छात्रों को ही नौकरी मिली.
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