नागपुर : बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि, वे बाबा साहेब अांबेडकर की राह पर चलते हुए बौद्ध धर्म स्वीकार करने से पहले आरएसएस एवं भाजपा को एक मौका देना चाहती हैं कि, वे अपने अंदर सुधार करें और अपनी सोच बदलें. मायावती ने यह बयान नागपुर में बसपा के सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिया है. बसपा का यह सम्मेलन नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर हो रहा था. बसपा प्रमुख ने कहा कि यदि संघ और बीजेपी ने दलितों का उत्पीड़न नहीं रोका तो में और मेरे साथी बौद्ध धर्म अपना लेंगे.
मायावती ने इस दौरान अपने भाषण में इस बात का उल्लेख किया कि बाबा साहेब आंबेडकर ने 1935 में कहा था कि, उन्होंने जन्म जरूर हिंदू धर्म में लिया है, लेकिन वे एक हिंदू के रूप में मरेंगे नहीं. बाबा साहेब तब नागपुर में 1956 में वे धर्मांतरित होकर बौद्ध बन गये थे.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मैं आज भाजपा और आरएसएस को चेतावनी देना चाहती हूं कि, वे अपना असम्मानजनक व्यवहार, जातिवादी रवैया और सांप्रदायिक व्यवहार व रवैया दलितों एवं पिछड़ी जाति के प्रति एवं उनके नेताओं के प्रति बदलें. बसपा प्रमुख मायावती ने आगे कहा कि, दलितों और पिछड़ो पर अत्याचार और गैर-जिम्मेदाराना रवैया अब बर्दाश्त के बाहर है.
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