महाराष्ट्र के भंडारा गोंदिया लोक सभा सीट से बीजेपी के सांसद नानाभाऊ पटोले ने इस्तीफा दे दिया है. पटोले ने इस बार मोदी के खिलाफ ही बगावत कर दी. राजनीती के गलियारों में करीब तीन दशक बिताने वाले नानाभाऊ पटोले की छवि एक बागी वाली रही है. पहले शिवसेना फिर, कांग्रेस का दामन थामा 1992 में भंडारा जिला परिषद के चुनाव में पार्टी उम्मीदवार मधुकर लीचड़े के खिलाफ निर्दलीय लड़कर जीते. हालांकि जल्द ही वे फिर से कांग्रेस में लौट आए और इसके बाद 1995 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़ दी.
साल 2009 में किसानों और विदर्भ के विकास के मुद्दे पर पटोले ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा का चुनाव लड़ा. इसके बाद पटोले ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली और 2009 के विधानसभा चुनाव में सकोली सीट से जीत हासिल की. पटोले को विधानसभा में बीजेपी की उपनेता चुन लिया गया. 2014 के लोकसभा चुनाव में पटोले ने एनसीपी उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल को हराया.
सितंबर 2017 में पटोले ने नागपुर में हुए एक कार्यक्रम में आरोप लगाया कि पीएम मोदी किसी की भी बात नहीं सुनते और पार्टी बैठक में पीएम ने उन्हें उस वक्त अपनी बात नहीं रखने दी थी, जब वो किसानों का मुद्दा उठा रहे थे.
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