नईदिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा कि, दयाल सिंह महाविद्यालय का नाम नहीं बदला जाएगा। वे संसद में शून्यकाल में शिरोमणि अकाली दल के सदस्य नरेश गुजराल की मांग का जवाब दे रहे थे। गौरतलब है कि, सरदार दयाल सिंह मजीठिया की संपत्ति से निर्मित, इस कॉलेज की स्थापना 1910 में लाहौर में की गई थी, उनके योगदान के लिए, महाविद्यालय का नाम उनके नाम पर रखा गया।
इस मामले में सांसद नरेश गुजराल नेे सरकार से हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि, दयाल सिंह काॅलेज की प्रबंधन समिति सांध्यकालीन महाविद्यालय का नाम बदलकर, वंदेमातरम महाविद्यालय रखने का निर्णय ले चुकी है।
दयाल सिंह मजीठिया ने अपना पूरा जीवन और अपनी जमा पूंजी शिक्षा में लगाई और कई स्कूल कालेज स्थापित किए थे। इस मामले में केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि, अब इसका नाम नहीं बदला जाएगा। उनका कहना था कि, अल्पसंख्यक संस्थान का नाम बदले जाने से सिखों की भावना आहत हुई है,इस बात की निंदा की जाना चाहिए।
उन्होंने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग भी की। उनका कहना था कि, दयाल सिंह काॅलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध है, विश्वविद्यालय को इस मामले में बता दिया गया है।
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