जालंधर। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूरी तरह से कांग्रेस में नई जान फूंकने में लगे हैं। वे लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 को लेकर तैयारियां कर रहे हैं तो उन राज्यों के लिए भी योजनाऐं तैयार करने में लगे हैं जिन राज्यों में आगामी समय में विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि यह माना जा रहा है कि वर्ष 2017 कांग्रेस के लिए बेहतर माना जा रहा है। राहुल गांधी को जहां कांग्रेस का नेतृत्व करने को मिला वहीं गुजरात विधानसभा चुनाव में वे एक सशक्त प्रचारक के तौर पर सामने आए।
राहुल गांधी द्वारा बीते समय में कांग्रेस के लिए किए गए प्रचार व आम सभा की तुलना में गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए उनके भाषणों का प्रभाव लोगों पर बेहतर रहा है। दूसरी ओर पंजाब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी बनी। अब माना जा रहा है कि कांग्रेस यहां लोकसभा की सीटों के लिए भी अपनी तैयारी में जुट गई है। हालांकि कांग्रेस ने यहां 10 वर्ष बाद सत्ता में वापसी की।
कांग्रेस ने विधानसभा की 77 सीटें जीतीं मगर 20 सीटों के साथ आम आदमी पार्टी दूसरे क्रम पर रही। शिरोमणी अकाली दल 15 और भारतीय जनता पार्टी की 3 सीटों तक यह सिमट गई। कांग्रेस ने अमृतसर की लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की। यहां 9पर गुरजीत सिंह औजला निर्वाचित हुए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को हराया। हालांकि यह सीट कांग्रेस की ही थी और इस पर मौजूदा मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह आसीन थे।
यही नहीं पूर्व सांसद विनोद खन्ना के निधन से गुरदासपुर की जो सीट खाली हुई थी उसे पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने जीत लिया। उन्होंने भाजपा अकाली गठबंधन के प्रत्याशी स्र्ण सलारिया को लगभग 1.93 लाख मतों से हराया। नगरीय निकायों में भी कांग्रेस ने अमृतसर, जालंधर आदि क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया। जिसके चलते यहां कांग्रेस के लिए आगामी चुनाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
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