हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बॉलीवुड एक्ट्रेस व फिल्म निर्माता पूजा भट्ट ने कुछ खुलासे किये. बॉलीवुड एक्ट्रेस पूजा भट्ट का कहना है कि भारत में महिलाएं जब तक सीता या सावित्री हैं, तब तक लोग सहज रहते हैं, लेकिन जब मां काली का रूप ले लेती हैं, तो सभी को दिक्कत होने लगती है. पूजा ने अपने पिता और फिल्म निर्माता महेश भट्ट के साथ बुधवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'भट्ट नेचुरली' की सफलता के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया.
गुस्सा आने के बारे में पूछे जाने पर फिल्म निर्माता पूजा ने कहा कि, "दुर्भाग्य से, जब एक महिला स्पष्ट रूप से बातचीत करती है, तो लोगों को लगता है कि वह गुस्से में है, लेकिन जब महेशजी एक निश्चित स्वर में बोलते हैं तो लोगों को लगता है कि वह उनकी सोच प्रक्रिया तीव्र है.
लेकिन जब महिला सुंदर है और अपनी सेक्सुअलिटी के बारे में स्पष्ट बोलती है और ना करती है तो लोग हैरान क्यों हो जाते हैं और सोचते हैं कि वह गुस्से में है."
पूजा ने आगे अपनी बातों को जारी रखते हुए कहा कि, "लेकिन एक चीज मैं जानती हूं कि मैं क्या चाहती हूं और सबसे जरूरी क्या है. मुझे पता है कि मैं क्या नहीं चाहती. भारत में जब हम सीता या सावित्री हैं तब तक सहज हैं, लेकिन जब महिलाएं काली मां बन जाती हैं तो दिक्कत हो जाती है, इसलिए मैं इन विपरीत व्यक्तित्वों का मिश्रण हूं."
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