नईदिल्ली। विजय दिवस के अवसर पर वर्ष 1971 के युद्ध में वीरगति को प्राप्त करने वाले, सैनिकों को श्रद्धांजलि प्रदान की गई। दिल्ली व मुंबई में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इन कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्रियों ने भागीदारी की। एक कार्यक्रम भारतीय सेना के अधिकारियों द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और एयरचीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ आदि मौजूद थे।
मुंबई में आयोजित हुए कार्यक्रम में बड़े पैमाने पर सैन्य अधिकारियों व जवानों ने भागीदारी की थी। वर्ष 1971 में आज के ही दिन पाकिस्तान के लगभग 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस युद्ध के परिणाम स्वरूप, पूर्वी पाकिस्तान अर्थात बांग्लादेश का जन्म हुआ था। पाकिस्तान के जनरल, अमीर अबदुल्लाह खान नाजी ने 93 हजार सैनिकों के साथ, भारत और बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
इस युद्ध की शुरूआत पाकिस्तान की वायु सेना द्वारा भारतीय वायु सेना के पठानकोट और अन्य एयरबेस पर हमला करने के बाद हुई थी। यह एक एतिहासिक युद्ध है। जिसमें बड़े पैमाने पर पाकिस्तान के सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया थाविजय दिवस भारत की एक महत्वपूर्ण जीत थी। इससे पाकिस्तान के हौंसले पस्त हो गए और भारत ने अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा की।
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