पटना। जनतादल यूनाईटेड में पार्टी के अधिकार को लेकर विवाद हो गया है। पार्टी के विभिन्न पदाधिकारियों ने सांसद और पूर्व जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव के दावे को गलत बताते हुए चुनाव आयोग में दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। जेडीयू के नेताओं ने चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति से भेंट की। इस दौरान जनता दल यूनाईटेड ने बिहार के लगभग 71 विधायकों, 30 विधान पार्षदों, 7 राज्यसभा सांसदों, 2 लोकसभा सांसदों, महाराष्ट्र के विधान पार्षद सहित 5 राज्यों में से 4 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों, जनता दल यूनाईटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का एफिडेविट चुनाव आयोग को सौंपा गया है।
जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय प्रवक्ता के ही साथ प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जनता दल द्वारा विधायकों, विधान पार्षदों, सांसदों सहित विभिन्न पदाधिकारियों के एफिडेविट चुनाव आयोग के सुपुर्द कर दिए है. जबकि पार्टी पर अपना हक़ जताने वालों ने अभी तक एक भी दस्तावेज चुनाव आयोग को नहीं सौंपा है.
इस मामले में जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने जानकारी देते हुए कहा कि जो शरद यादव जदयू पर दावा जता रहे हैं वे तो स्वयं ही विरोध का सामना कर रहे हैं उन पर पार्टी ने विरोधी होने की कार्रवाई की हुई है। पार्टी ने तो शरद यादव को सांसद के पद से हटाने हेतु भी राज्यसभा के सभापति से भेंट की।
उनका कहना था कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की जो बैठक शरद यादव ने बुलाई थी वह बेहद फर्जी है। शरद यादव पर आरोप लगाए गए कि वे सांसद पद को बचाने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रहे हैं। चुनाव आयोग से मिलने गये प्रतिनिधि मंडल में जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी के साथ सांसद आरसीपी सिंह, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह,राष्ट्रीय महासचिव संजय झा व वरिष्ठ वकील गोपाल सिंह मौजूद थे।
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