लंदन। ब्रिटेन के विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय के प्रवक्ता ने भारत की ब्रेग्जिट को लेकर की गई पहल की सराहना की और कहा कि वह चाहता है कि ब्रिटेन की सरकार की मंशा है कि भारत ब्रेग्जिट के साथ उसके संबंधों को वर्ष 2017 के साथ तेजी से आगे बढ़े। भारत की स्वाधीनता के 70 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर यहां के प्रमुख संस्थानों में समारोह मनाया गया। इस तरह के समारोहों से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान - प्रदान हुआ है।
इससे दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रिंस चाल्र्स जो कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के उत्तराधिकारी हैं उन्होंने नंवबर माह में भारत यात्रा के दौरान ब्रिटेन आने का निमंत्रण दिया था। दोनों देश कारोबारी संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अग्रसर हुए हैं ऐसे में माना जा रहा है कि राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों की बैठक में मोदी के शामिल होने की प्रबल संभावनाओं के साथ ही दोनों देशों के कारोबारी रिश्तों को मजबूत किए जाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
यदि ऐसा होता है तो बड़े पैमाने पर भारती, आईटी पेशेवर प्रभावित होंगे। भारत द्वारा कहा गया कि भारत से विजय माल्या जो कि किंग फिशर उद्योग समूह के प्रमुख हैं, के प्रत्यर्पण को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। इस मामले में जनवरी वर्ष 2018 में अंतिम निर्णय होने की संभावना है। उनका कहना था कि माल्या को भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकेगा।
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