अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की दशकों पुरानी नीति को बदलते हुए यरूशलेम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता तो दे दी है, मगर अपने इस फैसले के बाद से वें लगातार अरब देशो के निशाने पर है. खबरों के अनुसार काहिरा लेबनान के विदेश मंत्री गेब्रान बासिल ने कहा है कि इस फैसले के खिलाफ राजनीतिक, आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध अवश्य लगाया जाना चाहिए. अमेरिका को अपने दूतावास इजरायल से यरूशलेम स्थानांतरित करने से रोकने के लिए उसके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर अरब देशों को विचार करना चाहिए.
बासिल ने यहां अरब लीग के विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा इस निर्णय के खिलाफ अवश्य कार्रवाई करनी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के कई देशों की ओर से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच अशांति की चेतावनियों के बावजूद ट्रंप ने यह निर्णय लिया था. ट्रम्प अपनी मनमर्जी और एकल निर्णयों को लेकर कई बार अमरीकी संसद में भी विपक्ष का विरोध झेल चुके है. हाल ही के दिनों में, चीन और पाकिस्तान में बढ़ती आपसी नजदीकियों पर दिए अपने बयानों को लेकर भी ट्रम्प निंदा का पात्र बने थे.
सयुक्त राष्ट्र भी ट्रम्प के इस निर्णय पर नाराजगी जाहिर कर चुका है. बावजूद इसके ट्रम्प ने ये निर्णय लिया था.
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