साइबर हमले में उत्तर कोरिया ने अमेरिका से सबूत मांगे
साइबर हमले में उत्तर कोरिया ने अमेरिका से सबूत मांगे
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टोकियो: संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया ने कहा कि अमेरिका का यह दावा गलत है कि इस वर्ष के आरम्भ में हुए वानाक्राई रैनसमवेयर हमले के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ है. उसने अमेरिका से सबूत के साथ अपने आरोप वापस लेने की मांग की है.

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका से संबंधित मामलों के उत्तर कोरिया के राजदूत पाक सोंग द्वितीय ने स्पष्ट कहा कि अमेरिका अधिक टकराव वाला माहौल पैदा करने के लिए यह आरोप लगा रहा है. न्यूयार्क से टेलीफोन पर हुए साक्षात्कार में अमेरिका को खुली चुनौती दी कि अगर वह आश्वस्त हैं तो हमें सबूत दिखाएं. स्मरण रहे कि तब वानाक्राई रैनसमवेयर साइबर हमले के कारण दुनियाभर के हजारों कम्प्यूटर ठप हो गए थे.

बता दें कि तब 15 मई को साइबर हैकरों द्वारा किए गए रैनसमवेयर हमले की शिकार जापान की 600 कंपनियां भी हुई हैं, जिनमें हिताची और अग्रणी वाहन निर्माता निसान भी शामिल थी .रैनसमवेयर यानी 'फिरौती वायरस' साइबर हमले की पुष्टि की थी. 'फिरौती वायरस' एक ऐसा वायरस है, जो हैक किए गए डाटा के बदले फिरौती की मांग करता है. फिरौती की रकम नहीं देने पर हैकर डाटा को नष्ट कर देते हैं.  उस समय भारत में भी इसका असर देखा गया था.

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