हज़ारों साल पुरानी बातों को लेकर आज भी बहस छिड़ती है. उन पुरानी बातों पर ये बहस की जाती है, वो असल में हुई थी या नहीं. रामायण हो या महाभारत इससे जुड़े तथ्य कई बार शक के कठघरे में खड़े हुए हैं. हमने कथाओं में और ग्रथों में वही पढ़ा है जो हम अब सुनते हैं. उसे ही सच मानते हैं और टीवी पर प्रसारित होने वाले नाटकों में भी यही बताया जाता है. लेकिन विज्ञान कहीं ना कहीं इन बातों को झुठला देता है.
वहीँ बात करें राम सेतु की जो भारत और श्रीलंका के बीच बना पूल है. इस पर भी कई बार बहस हो चुकी है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बात को अब मान लिया है कि वाकई में राम सेतु मौजूद है जो मानव निर्मित है. साइंस चैनल ने सोमवार को एक वीडियो ट्विटर पर डाला, जिसमें कुछ भूविज्ञानियों और वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि रामसेतु पर पाए जाने वाले पत्थर बिल्कुल अलग और बेहद प्राचीन हैं.
Are the ancient Hindu myths of a land bridge connecting India and Sri Lanka true? Scientific analysis suggests they are. #WhatonEarth pic.twitter.com/EKcoGzlEET
— Science Channel (@ScienceChannel) December 11, 2017
बताया जा रहा है कि ये पूल बनाने में इस्तेमाल किये जाने पत्थर 7000 साल पुराने हैं. ये तो सभी जानते हैं कि इस पूल को श्री राम ने लंका जाने के लिए बनवाया था जिसे वानर सेना बनाया था. इसमें अमेरिकी भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में रामेश्वरम के नजदीक पामबन द्वीप से श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक 30 मील लंबी बनी पत्थरों की यह श्रृंखला मानव निर्मित है.
बता दे, इस पुल को लेकर बनाए गए एनसिएंट लैंड ब्रिज नाम के प्रोमो को अमेरिका में बुधवार शाम साढ़े सात बजे डिस्कवरी कम्युनिशेन के साइंस चैनल पर दिखाया जाएगा. आपको बता दे, इसे अब तक 11 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. पूल में इस्तेमाल होने वाले पत्थर कहीं दूर से लाये गए थे और जो पत्थर मिले हैं वो करीब 4000 साल पुराने हैं. लेकिन ये पत्थर कहाँ से लाये गए थे इस बात की कोई जानकारी नहीं है.
ऐसा रिजेक्शन लेटर कभी नहीं देखा होगा आपने
'कुछ कुछ होता है' था एक डबल मीनिंग टाइटल
इंसानियत भरी इन तस्वीरों को देखकर हो जायेंगे भावुक