नई दिल्ली। सरदार सरोवर बांध मसले पर सर्वोच्च न्यायालय ने विस्थापितों को हटाने के समय को बढ़ाने से इन्कार कर दिया है। न्यायालय का कहना था कि न्यायालय डेडलाईन नहीं बढ़ा सकता है। दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार ने कहा कि वह विस्थापितों के लिए प्रबंध कर रही है मगर वह मांग करती है कि 31 जुलाई की समय सीमा को और बढ़ा दिया जाए।
गौरतलब है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता इस प्रोजेक्ट से गांवों के डूब की जद में आने का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में कार्यकर्ता अपनी नेता मेधा पाटकर के साथ अनशन पर हैं। गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट से लगभग 192 गांव प्रभावित हो सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार मगर मेधा पाटकर को उनके कुछ सहयोगियों के साथ वहाॅं से हटा दिया गया।
मेधा पाटकर को चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया है। सरकार के पक्षों का कहना है कि ऐसा मेधा पाटकर के स्वास्थ्य को देखते हुए किया गया है। दूसरी ओर मेधा पाटकर और अन्य कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर बल प्रयोग का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि जो क्षेत्र उन्हें विस्थापन के लिए दिया गया है वहाॅं पर रहने लायक सुविधाऐं नहीं हैं।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर को अनशन स्थल से हटाया
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