शरीर को अच्छी सेहत के लिए विटामिन की जरूरत होती है. इन सब में विटामिन ई भी एक है. प्रेग्नेंसी में महिलाओं की खुराक में विटामिन ई की कमी से बच्चों में मानसिक कौशल संबंधी विकार और मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्या की संभावनाएं पैदा करती है.
गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन ई बहुत जरूरी है, यह बच्चों के मेंटल डेवलपमेंट को बढ़ाने में मददगार है. एक रिसर्च में पाया गया कि जन्म के बाद इस विटामिन कि कमी को पूरा करने से बेहतर है कि बच्चे को गर्भ में ही इसकी कमी न होने दे. नवजात शिशु को विटामिन ई की कमी से एनीमिया जैसी ही कई बीमारिया हो सकती है.
विटामिन ई की कमी से आंतो में घाव, गंजापन, गठिया, पीलिया, मधुमेह जैसे रोगो की संभावनाएं बढ़ जाती है. विटामिन ई खून में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करता है. यह हार्मोन्स संतुलन में भी मदद करता है. विटामिन ई की कमी से थायराइड ग्लैण्ड तथा पिट्यूटरी ग्लैण्ड की कार्यशैली में बाधा उतपन्न होती है.
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