बॉलीवुड में समय के साथ-साथ कई विषयों पर आधारित फिल्में बनती रहती हैं. कुछ फिल्में वाकई प्रेरणादायक रहती है लेकिन एड्स ऐसा विषय है जिसपर बॉलीवुड ने बहुत ही कम काम किया है. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसपर अगर कड़ी मेहनत और लगन के साथ कास्ट किया जाए तो शायद वह ऑस्कर पर दस्तक दे सकती है. एड्स पर बनी एक हॉलीवुड फिल्म ऐसी भी है जिसे देखने से आपको बहुत कुछ जानकारी प्राप्त होगी. 1 दिसंबर यानी वर्ल्ड एड्स डे के मौके पर, आइए ऐसी ही चार फिल्मों पर नजर डालते है...
डलास बायर्स क्लब (2013) : ये कहानी रॉन वुडरूफ की है जो 1980 के दशक के दौरान एड्स से पीड़ित हो जाता है. लेकिन कोई इलाज न होने की वजह से वह एक्सपेरिमेंटल दवाइयों को स्मगल करके अमेरिका में लाता है और अपने जैसे अन्य लोगों को देता है. फिल्म ने ऑस्कर पुरस्कारों में तहलका मचा दिया था.
निदान (2000) : महेश मांजेरकर ने एचआईवी संक्रमण को लेकर यह फिल्म बनाई थी जिसमे एक लड़की को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की वजह से एचआईवी संक्रमण हो जाता है. फिल्म की कहानी बहुत ही मार्मिक है और एचआईवी संक्रमण सुई से भी होता है, इस बात को इसमें दिखाया गया है.
माय ब्रदर...निखिल (2005) : बहुत ही अलग मुद्दों और नई क्रिएटिविटी के साथ फिल्म बनाने वाले ओनिर ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया था. फिल्म में संजय सूरी, जूही चावला और पूरब कोहली नजर आए थे. फिल्म की कहानी समलैंगिक पुरुष की है, जो एचआईवी संक्रमित है. लेकिन इन मुश्किल हालात में उसे अपनी बहन और साथी से सपोर्ट मिलता है.
फिर मिलेंगे (2004) : एड्स और बड़े स्टार्स को लेकर की गई यह एक यादगार कोशिश है जिसे 'लव' में सलमान खान की को-स्टार रहीं रेवती ने डायरेक्ट किया था. इस फिल्म में सलमान खान, शिल्पा शेट्टी ओर अभिषेक बच्चन थे. फिल्म में एड्स से जुड़ी भ्रांतियों पर बात की गई थी.
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