देश के सबसे बड़े घोटाले में कल आए निर्णय ने जहाँ देश की राजनीति में उबाल ला दिया है वहीं इसको लेकर एक और चौकाने वाली जानकारी सामने आई है वे यह है कि सीबीआई की विशेष अदालत में विवादित कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया का बयान हुआ था .जो अभियोजन पक्ष के उपयोग के लिहाज से किसी मतलब का नहीं था और उन्होंने अपनी गवाही में कोई उल्लेखनीय बात नहीं कही थी. आपको बता दें कि शुक्रवार के दिन देश के सबसे बड़े घोटाले ( 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले) को लेकर निर्णय आया था जिसने पुरे देश को हिलाकर रख दिया था जिसके चलते पूरे देश की राजनीति गरमा गई थी और हर कोई पार्टी एक -दूसरे पर आरोप लगा रही थी. गौरतलब है कि इस मामले में नीरा सीबीआई और से विक्टिम बनकर कोर्ट में गवाई देने गई और वहां उन्होंने विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ओ पी सैनी के समक्ष अभियोजन पक्ष की ओर से गवाही दी थी. उन्होंने अपनी इस गवाई में कहा था कि टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड (टीटीएसएल) को अन्य से आगे रहने के बावजूद स्पेक्ट्रम का आवंटन नहीं किया गया था.इस कथित घोटाले के सामने आने के बाद मीडिया के नजरों में आईं राडिया जज का विश्वास जीतने में विफल रहीं.अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘‘इस गवाह (राडिया) ने कोई कारण नहीं बताया है कि टीटीएसएल को स्पेक्ट्रम क्यों नहीं मिला. शायद वह जानती थी कि सही कारणों से ऐसा नहीं हुआ था. उनके बयान में कोई उल्लेखनीय चीज नहीं है. उनका बयान अभियोजन पक्ष के काम की चीज नहीं है.’ रि-एडमिशन फीस के नाम पर हो रही वसूली कब्ज दूर करने के लिए बच्ची पर किया काला जादू 2 जनवरी से शुरू होगी पौधों की बिक्री