जानिए स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बारे में

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आज हम आपको हिंदुस्तान की सबसे बेशकीमती आवाज़ स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बारे में बता रहे है. वह भारत की सबसे प्रसिद्ध, बेहतरीन और सम्मानित पार्श्व गायिका है. भारत सरकार द्वारा भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च अवार्ड दादा साहेब फालके अवार्ड उन्हें 1989 में देकर सम्मानित किया गया था. एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी के बाद वह दूसरी गायिका है जिन्हें भारत के सर्वोच्च अवार्ड भारत रत्न से सम्मानित किया गया है.

लता मंगेशकर का जन्म गोमंतक मराठा परिवार में, मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था. उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक क्लासिकल गायक और थिएटर एक्टर थे. उनकी माता शेवंती (शुधामती) महाराष्ट्र के थालनेर से थी और वह दीनानाथ की दूसरी पत्नी थी. जन्म के समय लता का नाम “हेमा” रखा गया था, लेकिन बाद में उनका नाम बदलकर लता रखा गया था. लता मंगेशकर संगीत क्षेत्र का चमत्कार है, इसका अहसास मास्टर दिनानाथ मंगेशकर को लता के बचपन में ही हो गया था. 9 साल की उम्र में पिता का देहांत होने के बाद 13 साल की उम्र में मतलब 1942 में ‘किती हसाल?’ इस फिल्म के लिए ‘नाचू या ना गड़े खेडू सारी, मानी हौस भारी’ ये गीत पहली बार गाया. बाद में 1945 में मास्टर विनायक कंपनी के साथ लता मुंबई आ गयी. 1949 में आई फिल्म ‘महल’ में उन्होंने अपना हिट गाना “आयेगा आनेवाला” गाया. उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्हें 1958 में फिल्म “मधुमती” के गीत “आजा रे परदेसी” गाने के लिये बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का फिल्मफेयर अवार्ड मिला. 1960 का समय लता जी के लिये सफलताओ से भरा हुआ था, इस समय में उन्होंने “प्यार किया तो डरना क्या”, “अजीब दासता है ये” जैसे कई सुपरहिट गाने गाए. 1960 के साल को सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और लता जी के संबंध के लिये भी जाना जाता था. जिसके बाद लता जी ने तक़रीबन 35 साल के अपने लंबे करियर में 700 से भी ज्यादा गाने गाए. इसके बाद मंगेशकर की सफलता और आवाज़ का जादू 1970 और 1980 के दशक में भी चलता गया.

लता के गाये यादगार गीतों में विशेष उल्लेखनीय है – बरसातनागिन, एवं पाकीजा, अनारकली, मुगले आजम अमर प्रेम, गाइड, आशा, प्रेमरोग, सत्यम् शिवम् सुन्दरम्, हिना, रामलखन, आदी फिल्मो के गीत. उन्होंने 30,000 से अधिक गाने गाये है तथा सभी भारतीय भाषाओ में गाने का उनका एक कीर्तिमान भी है. भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया है. लता ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति हैं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं. लता जी हमेशा नंगे पाँव गाना गाती हैं.

लता मंगेशकर को मिले पुरस्कार- 

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