नईदिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने आज रामजन्मभूमि मंदिर एवं बाबरी मस्जिद के विवादित मामले में सुनवाई की। सुनवाई प्रारंभ होने के दौरान इस मामले से जुड़े विभिन्न पक्षकार न्यायालय में मौजूद थे। गौरतलब है कि, इस मामले में हिंदू महासभा द्वारा याचिका दायर की गई है, तो दूसरी ओर, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपनी याचिका दायर की है। हालांकि इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुनवाई कर अपना निर्णय दिया था।
जिसमें संबंधित पक्षकारों को विवादित क्षेत्र में अलग - अलग स्थान पर तीन बराबर हिस्से दिए जाने की बात शामिल थी। न्यायालय ने भी इस बात को माना था कि, विवादित क्षेत्र में हिंदू मंदिर तोड़कर विवादित ढांचा तैयार किया गया था। न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साक्ष्यों का उल्लेख भी किया था।
न्यायाधीशों जस्टिस सुधीर अग्रवाल और धर्मवीर शर्मा ने मामले की सुनवाई की थी। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस निर्णय पर 9 मई वर्ष 2011 को रोक लगा दी थी। भारतीय जनता पार्टी के नेता, सुब्रमण्यम स्वामी को इस मामले में पक्षकार बनाया गया था।
दरअसल सुब्रमण्यम स्वामी ने न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की थी इस मामले में, न्यायालय को जल्द फैसला देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि, राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। इसी बीच न्यायालय ने कहा था कि,संबंधित पक्षकार इस मामले को न्यायालय के बाहर सुलझा लें तो यह बेहतर होगा, यदि इस मामले में न्यायालय को मध्यस्थ की आवश्यकता हो तो, न्यायालय मध्यस्थ उपलब्ध करवा सकता है। जिसके बाद, संबंधित पक्षकारों ने इस मामले को सुलझाने के लिए प्रयास किए। कुछ लोगों ने मध्यस्थ की भूमिका भी निभाने के प्रयास किए। अब आज इस मामले की सुनवाई न्यायालय में की जाएगी।
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