सरकार द्वारा किये जाने वाले तमाम दावों कि पोल खोलती ये खबर अमानवीय और वहशीपन की हद को पार कर रही है. महिलाओ को बेहतर मुक़ाम देने की सभी कोशिशो के बाद भी आज देश में जिस्मफरोशी के लिए महिलाओ की खरीद-फरोख्त का धंधा खूब फल-फूल रहा है. हालात यह हैं कि महज दो से पांच हजार रुपये में लड़कियों को बेच दिया जाता है. पहले इन्हें इनके जान- पहचान वाले या रिश्तेदार ही चंद रुपयों की लालच में एजेंटों को सौंप देते हैं. फिर एजेंट इन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर शहर ले जाकर बेचते हैं. इस चंगुल में फंसी लड़की को एक नहीं कई बार बेचा जाता है. छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला मानव तश्करी का गढ़ बन गया है. एक आदिवासी लड़की ने शिकायत दर्ज करा बताया है कि उसे नौकरी दिलाने के नाम पर ओड़िशा ले जाया गया और वहां जिस्मफरोशी में धंधे में धकेल दिया गया. ग्राम जोकारी निवासी इस लड़की ने आप बीती सुनाते हुए कहा कि शेष 60 लड़कियां अभी भी वहां फंसी हुई हैं. पिछले पांच सालों में जशपुर में केवल 99 प्रकरण ही दर्ज हुए. प्लेसमेंट एंजेसियों पर नकेल कसने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जरूर हो गया है, लेकिन बताया जाता है कि इस एक्ट के तहत राज्य में एक भी प्लेसमेंट एजेंसी का पंजीयन नहीं हुआ है. बांग्लादेश दौरे पर भी नहीं जाएंगे मलिंगा, यह है वजह यूपी : महिलाओं में बढ़ी स्मोकिंग की लत दिल्‍ली में छाया कोहरा, ठंड की चपेट में उत्तर भारत एक लाख रोहिंग्याओं को म्यांमार भेजने की तैयारी